सूर के पद | Sahitya Sagar| Workbook Answers Class 9th and 10th |ICSE

Sur ke Padh

अभ्यास-माला

अवतरण-1

जसोदा हरि पालने झुलावे

हलरावै दुलराइ मल्हावे, जोह-सोइ कछु गावै ।।

मेरे लाल को आउ निदरिया, काहे न आनि सुवावै ।

तू काहे नहि बेगहि आवै, तोको कान्ह बुलावै।

कबहुँ पलक हरि मूँद लेत है, कबहु अधर फरकावै।

सोवत जानि मौन है के रहि, करि करि सैन बताये।

इहि अंतर अकुलाइ उठे हरि, जसुमति मधुरै गावै।

जो सुख सूर अमर मुनि दुरलभ, सो नंद भामिनी पावै ।

प्रश्न 1. यशोदा मैया किसको किसमें किस प्रकार झुला रही हैं?

उत्तर. यशोदा मैया कृष्ण को पाले में झुला रही है। साथ ही उन्हें थपकी देते हुए लोरी सुना रही है।

प्रश्न 2. माँ यशोदा नींद से क्या शिकायत कर रही हैं? तथा उसको क्या करने के लिए कह रही है?

उत्तर. माँ यशोदा नींद से कह रही है कि ही निंदियाँ तू जल्दी क्यों नहीं आ रही है तुझे मेरा लाल कितनी देर से बुला जाए। यशोदा नींद से कृष्ण को सुलाने के लिए कह रही है।

प्रश्न 3. क्या देखकर यशोदा सोचती है कि कृष्ण सो गए हैं तथा कृष्ण सोये रहे, इसके लिएये क्या करती है?

उत्तर. कृष्ण की बंद आँखे और उन्हें शांत लेटा देखकर यशोदा जी ने सोचा कि वह सो गए है। वे जाग न जाएँ, इसलिए वे स्वयं अभी शांत हो गई और लोगो को भी चुप रहने का इशारा करती है।

प्रश्न 4. माँ यशोदा को किस सुख की प्राप्ति हो रही है तथा किस प्रकार ?

उत्तर. माँ यशोदा जगत के पालन हार की माँ है। उन्हें भगवान की बाल लीलाएंँ देखने की और उनके सामीप्य के सुख की प्राप्ति हो रही है |

अवतरण-2

खीजत जात माखन खात

अरुण लोचन, मौह टेढी, बार-बार जम्हात

कबहुँ रुनझुन, चलत घुटुरन घूर घूसर गात।।

कबहुँ झुक के अलक खेचत, नैन जल भर लात

कबहुँ तुतरे बोल बोलत, कबहुँ बोलत तात।।

सूर हरि की निरखि सोभा, निमिस तजत न मात।

प्रश्न 1. भगवान श्रीकृष्ण माखन खाते हुए क्या कर रहे हैं तथा उनके नेत्र और भौंहे कैसी हैं?

उत्तर. भगवान श्री कृष्ण को माखन खाते हुए नींद ने घेर रखा है। इसलिए नींद के कारण उनकी आंँखें लाल हो रही है। भौंहे ठेड़ी है और बार- बार जमाई ले रहे है।

प्रश्न 2. श्रीकृष्ण की पाल तथा उनके बोलने के विषय में कवि ने क्या बताया है ?

उत्तर. श्री कृष्ण पायल पहने हुए हैं और घुटनों के बल चल रहे हैं जिससे उनके गुहाएँ रूनजुन की आवाज कर रहे हैं। वह अपनी तोतली आवाज में अपने पिता को बुला रहे हैं।

प्रश्न 3. ‘कबहुं झुक के अलफ खेंचत, नैन जल भर लात’ पंक्ति की व्याख्या करते हुए कीजिए कि वे ऐसा क्यों कर रहे है?

उत्तर. कृष्ण नींद आने पर खीज रहे हैं और अपने बाल खींच रहे हैं, जिनसे उन्हें दर्द होने लगता है जिसके कारण उनकी आंखों में पानी भर आया है।

प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए:

धूसर, गात, तात, निरखि, निमिरत, अलक

उत्तर. धूसर – धूल में सता,

गात-शरीर

तात- पिता

निरखि – देखकर

निमिरत- एक छड़

अलक-बाल

अवतरण-3

मैया मैं तो चन्द्र खिलौना लेहों ।।

धौरी को पयपान न करिहौं, बैनी सिर न गुथैहों।

मोतिन माल न धरिहौं उर पर, तेरी गोद न एहौं।

लाल कहैहों नंद बाबा को तेरो सुत न कहैहों।

कान लाय कछु कहत जसोदा, दाउहि नाहि सुनेहो।

चंदा हूँ ते अति सुंदर तोहि नवल दुलहिया व्यौहो

तेरी सी मेरी सुन मैया, अबही व्याहन हों।

‘सूरदास’ सब सखा बराती, नूतन मंगल हों।

प्रश्न 1. बालकृष्ण किससे क्या लेने का हठ कर रहे हैं तथा क्यों?

उत्तर. श्री कृष्ण चांद खिलौना ना मिलने पर चोटी न गुथाने, मांँ की गोद में न आने, मोतियों की माला न पहनने, गोरी गाय का दूध न पीने और मांँ का पुत्र न कह लाने की जिद कर रहे हैं ।

प्रश्न 2. श्रीकृष्ण भोलेपन में खिलाना न लेकर देने पर क्या-क्या न करने के लिए कहते हैं।

उत्तर. श्रीकृष्ण कहते हैं कि, अगर मैया तू मुझे चांद रूपी खिलौना न देगी तो में सफेद गाय का दूध नहीं पिऊँगा, न ही चोटी गुथावने, मोलियों का माला न पहनने और न यशोदा मैया की गोद में बैठने के लिए कहा।

प्रश्न 3. श्रीकृष्ण ने किससे नन्द बाबा के पक्ष में क्या कहा तथा क्या?

उत्तर. श्री कृष्ण कह रहे हैं कि मैं सिर्फ नंद बाबा के ही पुत्र कहलाऊंँगा क्योंकि यशोदा मैया उन्हें चांँद रूपी खिलौना खेलने के लिए नहीं दे रही है।

प्रश्न 4. बालकृष्ण की जिंद सुनकर यशोदा मैया ने श्रीकृष्ण से क्या कहा? तथा क्यों?

उत्तर. बाल कृष्ण से यशोदा मैया ने चाँद से भी सुंदरदुल्हन लाकर देने का वादा किया । क्योंकि कृष्ण यशोदा माँ से चाँद लाकर देने का की हठ कर रहे थे।

प्रश्न 5. ‘तेरी सौ मेरी सुन मैया अबही व्याहन जैहों।’ पंक्ति की व्याख्या करते हुए बताइए कि यह पंक्ति किसने किससे, कब तथा क्यों कही?

उत्तर. यह पंक्ति श्री कृष्ण ने यशोदा मैया से तब कही थी जब वह उनसे चांद रूपी खिलौना मांँग रहे थे ।इस पंक्ति का अर्थ है कि मैया अब तुम अपनी छोड़ और मेरी बात सुन।

प्रश्न 6. सूरदास की भक्ति भावना का परिचय दीजिए।

उत्तर. सूरदास श्रीकृष्ण की भक्ति तभी तो इनकी रचनाओं में कृष्ण भक्ति दिखती है।

प्रश्न 7. सूरदास जी का संक्षेप में साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी किन्हीं दो रचनाओं के नाम लिखिए।

उत्तर. सूरदास जी की काव्य में कृष्ण के प्रति अगाध प्रेम झलकता है। इनका विषय ही भक्त कृष्ण है। इनकी काम में भगवान कृष्ण की बाल लीलाएं एवं वात्सल्यभाव जिस तरह झलकता है ऐसा मनोहर भाव विश्व साहित्य में कहीं और नहीं दिखता सूरसागर और सूरसारावली इन की दो रचनाएंँ हैं।

सूर के पद (साहित्य सागर) प्रश्नोत्तर

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