संदेह | Sahitya Sagar| Workbook Answers | Class 9th and 10th | ICSE Board

Sandeh Workbook Answers

अवतरण 1. “बण्डल तो रख दिया, पर दूसरा बड़ा-सा लिफाफा खोल ही डाला। एक चित्र उसके हाथों में था और आँखों में आँसू थे।”

(i) रामनिहाल कहाँ और क्यों जाने के लिए सामान बाँध रहा था?

उत्तर. रामनिहाल मनोरमा की सहायता करने पटना जाने के लिए सामान बाँध रहा था।

(ii) रामनिहाल के हाथों में क्या था?

उत्तर. रामनिहाल के हाथों में एक कागजों क बण्डल था, जिसे वह संदूक में रखने से पहले खोलना चाहता था।

(iii) किशोरी ने शोर क्यों मचाया तथा किसे बुलाया ?

उत्तर. किशोरी से जब राम निहाल को रोते हुए देखा तो उसने श्यामा को शोर मचा कर बुलाया।

(iv) श्यामा ने वहाँ आकर किससे क्या पूछा और क्यों?

उत्तर. श्यामा ने वहाँ आकर रामनिहाल से पूछा कि बात क्या है। उसने यह प्रश्न राम निहाल से इसलिए पूछा था क्योंकि राम निहाल रो रहा था।

अवतरण 2. किशोरी चली गई। अब जैसे सुनने के लिए प्रस्तुत होकर श्यामा एक चटाई खींचकर बैठ गई। उसके सामने छोटी-सी बुद्ध प्रतिमा, सागवान की सुन्दर मेज पर धूप के प्रतिबिम्ब में हँस रही थी।

(i) श्यामा ने किशोरी को क्या करने को कहा और क्यों?

उत्तर. श्यामा ने किशोरी को धूप में फैले कपड़ों के पास बैठने के लिए कहा क्योंकि वह रामनिहाल की बातें सुनकर सावधान हो गई थी और उसे लगा होगा कि यह बातें छोटे बच्चों को नहीं सुननी चाहिए।

(ii) रामनिहाल ने श्यामा को उसकी प्रशंसा में क्या कहा?

उत्तर. रामनिहाल ने श्यामा को उसकी प्रशंसा में कहा कि वह श्यामा का कठोर व्रत, विधवापन का आदर्श देखकर उसके हृदय में विश्वास हुआ है कि मनुष्य अपनी वासनाओं का दमन कर सकता है।

(iii) रामनिहाल ने अपने विषय में श्यामा को क्या बताया?

उत्तर. रामनिठाल ने बताया कि वह चतुर था इतना चतुर जीता मनुष्य को ना होना चाहिए क्योंकि उसे विश्वास हो गया था कि मैंने उसे अधिक से दूर बनकर अपने को अभागा बना लेता है और भगवान को दया से वंचित हो जाता है।

(iv) कहानी के आधार पर रामनिहाल का चरित्र चित्रण कीजिए।

उत्तर. राम निहाल महत्वाकांक्षी व्यक्ति है। उन्नतिशील विचारधारा का व्यक्ति है वह भावुक व्यक्ति है क्योंकि वह किसी चित्र को देखकर ‌ रोने लगा था।

अवतरण 3. “मैंने स्वीकार कर लिया। ऑफिस में बैठा रहा। थोड़ी देर में भीतर एक पुरुष के साथ एक सुंदर स्त्री निकली और मैं समझ गया कि मुझे इन्हीं लोगों के साथ जाना है।”

(i)ब्रजकिशोर बाबू ने रामनिहाल से क्या कहा ?

उत्तर. ब्रजकिशोर बाबुल ने राम निहाल से कहा कि तुम गंगा किनारे टहलने जाते ही हो। आज मेरे एक संबंधी आ गए हैं ।इन्हें भी वहाँ पर घुमा कर ले आओ , मुझे आज छुट्टी नहीं है।

(ii) ब्रजकिशोर बाबू के कथन पर पुरुष और स्त्री की क्या प्रतिक्रिया थी?

उत्तर. ब्रजकिशोर बाबू के कथन पर पुरुष के मुंँह पर की रेखाएं कुछ तन गई, स्त्री ने अच्छा कह कर कहा कि आप काम कीजिए, हम लोग तब तक घूम के आते हैं।

(iii) मनोरमा बजरे पर कैसे चढी तथा उसने रामनिहाल से क्या कहा ?

उत्तर. मनोरमा बजरे पर रामनिहाल की मदद से चढ़ी थी, उसने रामनिहाल से कहा,” मेरे पति पागल बनाए जा रहे हैं कुछ कुछ है भी तनिक सावधान रहिएगा” ,नाव की बात है।

(iv)प्रस्तुत कहानी के आधार पर मनोरमा का चरित्र चित्रण कीजिए?

उत्तर. मनोरमा एक संदूर स्त्री है । वह मोहन बाबू की पत्नी है पति पत्नी में वैचारिक मतभेद है , वह पतिव्रता स्त्री है, जो कि अपने पति मोहन बाबू से अत्यंत प्रेम करती है।

अवतरण 4. “तुम लोगों ने मुझे पागल समझ लिया है, यह मैं जानता हूँ। ओह! संसार की विश्वासघात की ठोकरों ने मेरे हृदय को विक्षिप्त बना दिया है। मुझे उससे विमुख कर दिया है। किसी ने मेरे मानसिक विप्लवों में मुझे सहायता नहीं दी।

(i) प्रस्तुत पंक्तियाँ कौन, किससे किस अवसर पर कह रहा है ?

उत्तर. प्रस्तुत पंक्तियांँ मोहन बाबू ने अपनी पत्नी मनोरमा को नाव पर कहा था।

(ii)मोहन बाबू को क्या शक था तथा क्यों?उत्तर. मोहन बाबू को शक था कि उसकी पत्नी मनोरमा उसे पागल साबित करना चलती है, ऐसा साबित करके वह ब्रज किशोर को उसकी जमीन दे देगी।

(iii) मोहनबाबू का चरित्र चित्रण कीजिए।

उत्तर. मोहन बाबू एक संदेश करने वाले व्यक्ति थे जिसे अपनी पत्नी पर थोड़ा सा भी विश्वास नहीं था।

(iv) मोहन बाबू ने संसार तथा मनोरमा के विषय में मनोरमा से क्या कहा?

उतर. मोहन बाबू ने संसार के बारे में कहा कि यह है संसार एक धोखे की जगह है जिसमें मोहन बाबू के हृदय को परेशान कर दिया है। उन्होंने मनोरमा के बारे में कहा कि वह ब्रजकिशोर के साथ मिलकर जो उसे पागल करने का षड्यंत्र रच रही है उसे वह समझ गया है।

अवतरण 5. “कार्तिक की रात चाँदनी से शीतल हो चली थी। नाव मानमंदिर की ओर घूम चली। मैं मोहनबाबू के मनोविचार के सम्बन्ध में सोच रहा था। कुछ देर चुप रहने के बाद मोहनबाबू फिर अपने आप से कहने लगे।

(i) रामनिहाल ने माँझी से क्या कहा तथा क्यों?

उत्तर. रामनिहल ने मांँझी से कहा कि वह अब घूम चले, क्योंकि वह मोहन बाबू की बातें सुनकर सावधान हो गया है।

(ii) मनोरमा पर मोहनबाबू ने क्या आरोप लगाया तथा मनोरमा ने उनसे क्या कहा?
उत्तर. मनोरमा पर मोहनबाबू ने आरोप लगाया कि वह ब्रजकिशोर के साथ मिलकर उसे पागल सिद्ध करना चाहती है, यह सुनकर मनोरमा ने उनसे कहा कि वह उसके बारे में व्यर्थ में संदेह कर रहे हैं।
(iii) मनोरमा के परेशान होने पर मोहनबाबू ने क्या किया? इस बीच रामनिहाल ने क्या अनुभव किया?

उत्तर. मनोरमा के परेशान होने पर मोहन बाबू कहने लगे, तुम्हारा अपमान होता है, सबके सामने मुझे यह बात नहीं करनी चाहिए। यह मेरा अपराध है ,मुझे क्षमा करो। इस बीच रामनिहाल ने अनुभव किया कि मनोरमा उसे मदद लेना चाहती है।

(iv) रामनिहाल क्या सोच रहा था। घृष्टता से उसने मन में क्या सोचा तथा क्यों?

उत्तर. राम निहाल ने सोचा कि जब वह संदेहभार पीड़ित स्त्री उसकी तरफ देखकर कहती हो कि ‘आप देखते हैं ना ‘तो रामनिहाल को लगता था कि मानो वह उस से प्रार्थना करती थी कि कुछ मत देखो क्योंकि मनोरमा का व्यंग एक हंसी की बात नहीं है।

अवतरण 6. “मुझे धीरे-धीरे मालूम हुआ कि ब्रजकिशोर बाबू चाहते हैं कि मोहनलाल अदालत सेपागल मान लिए जाएँ और ब्रजकिशोर उनकी सम्पत्ति के प्रबन्धक बना दिए जाएँ क्योंकि वे हीमोहनलाल के निकट संबंधी थे।”

(i)श्यामा को ब्रजकिशोर के विषय में रामनिहाल ने क्या बताया?

उत्तर. श्यामा को ब्रजकिशोर के विषय में राम निहाल ने बताया कि ब्रजकिशोर अदालत में मोहनलाल को पागल साबित करना चाहता है, ताकि मोहनलाल की सारी संपत्ति के प्रबंधक वह बन जाए।

(ii) श्यामा ने जब तीखी दृष्टि से राम निहाल की ओर देखा तो रामनिहाल ने क्या कहा?

उत्तर. राम निहाल ने कहा कि क्या श्यामा तुमको भी संदेह हो रहा है,सो ठीक है, उसे भी कुछ संदेह हो रहा है कि मनोरमा उसे क्यों इस समय बुला रही है।

(iii) श्यामा ने हँसकर रामनिहाल से क्या कहा ?

उत्तर. श्यामा ने हंँसकर कहा- रामनिहाल क्या तुम्हें लगता है कि मनोरमा तुमसे प्यार करती हो और वह दुष्टचरित्र महिला है।

(iv) रामनिहाल के हाथ में किसका चित्र था? चित्र देखकर श्यामा ने रामनिहाल से क्या कहा?

उत्तर. रामनिहाल के हाथ में श्यामा का चित्र था। चित्र देखकर श्यामा ने रामनिहाल से कहा कि तुम मुझसे प्रेम करने के बड़प्पन में पड़ गए हो।

अवतरण 7. “प्यार करना बड़ा कठिन है। तुम इस खेल को नहीं जानते। इसके चक्कर में पड़ना भी मत हाँ एक दुखिया स्त्री तुमको अपनी सहायता के लिए बुला रही है। जाओ उसकी सहायता करके लौट आओ तुम्हारा सामान यहीं रहेगा।”

(i)प्रस्तुत पंक्तियाँ कौन, किससे, किस अवसर पर कह रहा है?
 
उत्तर. प्रस्तुत पंक्तियाँ श्यामा ने रामनिहाल से कही है। क्योंकि रामनिहाल को एक दुखिया स्त्री की मदद करनी चाहिए, लेकिन वह तो बोरिया बिस्तर बांधकर भागना चाहता है।
 
ii)रामनिहाल को किससे, किसकी रक्षा के लिए कहा तथा क्यों?
 
उत्तर. श्यामा ने रामनिहाल को ब्रजकिशोर से मनोरमा की रक्षा करने के लिए कहा- क्योंकि उसे रामनिहाल की मदद की आवश्यकता थी।
 
(iii) यह सब तुम्हारा भ्रम था। पंक्ति से क्या तात्पर्य है ?
 
उत्तर. इस पंक्ति से तात्पर्य है कि हमें बेकार के संदेह नहीं पाल लेने चाहिए, जैसे कि रामनिहाल ने मनोरमा के विषय में सोच लिया था कि वह उससे प्रेम करते हैं।

(iv) प्रस्तुत कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर. प्रस्तुत कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें बेकार की बातों के बारे में नहीं सोचना चाहिए क्योंकि इन बेकार की बातों से हमें किसी पर संदेह हो सकता है, इस संदेह के कारण हमारे रिश्ते खराब हो सकते हैं और इस संदेश से हमें मानसिक तनाव हो सकता है।

2 thoughts on “संदेह | Sahitya Sagar| Workbook Answers | Class 9th and 10th | ICSE Board”

Leave a Comment