राष्ट्रभाषा हिंदी की उपयोगिता पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए

Rashtra Bhasha Hindi ki Upyogita Par Apne Vichar Prastut Kijiye

किसी भी राष्ट्र की पहचान उसके भाषा और उसके संस्कृति से होती है और पूरे विश्व में हर देश की एक अपनी भाषा और अपनी एक संस्कृति है, जिसकी छांव में उस देश के लोग पले बढ़े होते हैं, यदि कोई देश अपनी मूल भाषा छोड़ दूसरे की भाषा में आश्रित होता है, तो उसे सांस्कृतिक रूप से गुलाम कहते हैं।

हमारे देश की मूल भाषा हिंदी है किंतु अंग्रेजों की गुलामी के बाद से ही उन्होंने न सिर्फ हमारे देश में शासन किया बल्कि अंग्रेजी ने हमारी भाषा हिंदी पर अपना पूरा अधिपत्य जमा लिया। भारत देश को आजाद हो गया, लेकिन हिंदी भाषा पर अंग्रेजी भाषा का आज भी अधिपत्य कायम है। अक्सर अपने देश के लोगों के मुंँह से यह सुनते हुए पाया गया है कि हमारी हिंदी थोड़ी कमजोर है, इसके कहने का मतलब साफ़-साफ़ समझ आता है कि उनकी अंग्रेजी हिंदी के मुताबिक ज्यादा अच्छी है और यदि कोई भूल से भी कह दे कि हमारी अंग्रेजी थोड़ी सी कमजो़र है, तो लोग उसे कम पढ़ा-लिखा समझते हैं। क्या यह सही है कि किसी भाषा पर हमारी पकड़ अच्छी नहीं है, तो हम उसे अनपढ़ मान लेंगे। किंतु हमारे देश के आज यही विडंबना है।

भारत में अनेक भाषाएंँ बोली जाती हैं। हमारे देश में इतनी भाषाएंँ हैं कि यह कहावत कही गई है।

“कोस कोस पर बदले पानी और चार कोस पर वानी।”

अर्थात् हमारे देश में हर एक कोश की दूरी में पानी का स्वाद बदल जाता है और 4 कोश की दूरी पर भाषा यानी वाणी भी बदल जाती है लेकिन इन सभी भाषाओं में सबसे अधिक भाषा बोली जाने वाली हिंदी है।

विश्व की सबसे उन्नत भाषाओं में हिंदी सबसे विकसित एवं व्यवस्थित भाषा है अर्थात् हम जो हिंदी में लिखते हैं, वही पढ़ते हैं और वही बोलते हैं।

हिंदी भाषा में सबसे सरल और लचीली भाषा है। हिंदी बोलना और समझना बहुत ही आसान है।

हिंदी भाषा की मूल शब्दों में लगभग ढाई लाख शब्द है या फिर इससे अधिक और हिंदी भाषा की यही विशेषता है कि देसी बोले जाने वाली बोलियों के शब्दों को अपने आप में आत्मसात कर लेती है।

हिंदी भाषा इतनी अधिक महत्वपूर्ण है कि बिना हिंदी के इंटरनेट में जुड़े लोगों को इंटरनेट से नहीं जोड़ा जा सकता है। और जब भी कोई कार्य अपनी मूल भाषा में तो उसे समझना अधिक आसान हो जाता है। इंटरनेट की दुनिया भी हिंदी को अपने आधिकारिक भाषा के रूप में अपना चुका है। जिससे हर भारतीय इंटरनेट से जुड़ जाए।

सही अर्थों में कहा जाए तो अगर हम अपने मूल भाषा हिंदी का प्रचार प्रसार करें तो निश्चित ही विविधता वाले भारत को अपने हिंदी भाषा के माध्यम से एकता में जोड़ा जा सकता है।

हिंदी के महत्व को समझते हुए प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी दिवस एक ऐसा अवसर होता है, जिसके माध्यम से सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में बांँधा जा सकता हैै।

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