Megh Aaye
अभ्यास-माला
अवतरण 1.
मेघ आए बड़े बन ठन के संँवर के।
पाहुन ज्यों आए हो गाँव में शहर के,
प्रश्न 1. कौन, कहाँ, किस प्रकार आया है ? प्रस्तुत अवतरण के आधार पर बताइए।
उत्तर. प्रस्तुत कविता में कवि ने मेघ को गांँव का दामाद बताया है तथा वह अपने ससुराल सज संवर कर बहुत साल बाद आया है।
प्रश्न 2. ‘बयार’ शब्द से क्या तात्पर्य है ? बयार क्या कर रही है? बयार को किसके समान चित्रित किया गया है?
उत्तर. बयार शब्द का तात्पर्य हवा है, बयार हवा नाच गा रही है।
प्रश्न 3. गलियों में क्या-क्या खुलने लगे तथा क्यों ? मौसम तथा दामाद दोनों में क्या संबंध है स्पष्ट कीजिए?
उत्तर. गलियों में दरवाजे तथा खिड़कियांँ खुलने लगी ताकि शुद्ध और अच्छी हवा आ सके, मौसम तथा दामाद दोनों में संबंध यह है कि दोनों ही बड़े दिनों बाद आए हैं।
प्रश्न 4. प्रस्तुत अवतरण में मेघ को किसके समान बताया गया है तथा उन दोनों के आने पर गाँव में क्या-क्या दिखाई दे रहा है? अपने शब्दों में लिखिए ?
उत्तर. प्रस्तुत अवतरण मे मेघ को दामाद के समान बताया गया है।
अवतरण 2.
पेड़, झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए
आँधी चली, धूल भागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन, उठा नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ आए बड़े बन ठन के सेंवर के।
प्रश्न 1. मेघों के आने पर पेड़ क्या करने लगे तथा क्यों?
उत्तर. मेघ के आने पर पेड़ की टहनियांँ झुक गई है, मानों मेहमान के आने पर लोग झुककर प्रणाम कर रहे हैं और फिर गर्दन उठाकर उसे देख रहे हैं।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।
उचकाए, ठिठकी, बाँकी, चितवन!
उत्तर. उचकार – गरदन उठाकरठिठकी – अचानक रुकी बाँकी- टेढ़ी चितवन नजर, दृष्टि
प्रश्न 3. आँधी के चलने पर क्या हुआ? कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए?
उत्तर. आँधी चली। धूल उड़ने लगी। बादलों के आने से पहले जो धूल भरी आंँधी चली है, कवि ने कल्पना की है, मानो आंँधी रूपी नायिका धूल रूपी घाघरा पहन कर भाग रही है।
प्रश्न 4. बाकी चितवन उठा नदी ठिठकी, घूँघट सस्के, पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए?
उत्तर. बादलों के आने पर मानों नदी रूपी नायिका घूँघट उठाकर तिरछी नजर से बादल रूपी मेहमान को शर्मा कर देख रही है, बादल बहुत ही बन ठन अर्थात् तैयार होकर आए हैं।
अवतरण 3.
बूढे पीपल ने आगे बढ़ जुहार की
बरस बाद सुधि लीन्ही
बोली अकुलाई लता ओर हो किवार की,
हरपाया ताल लाया पानी परात भर के
मेघ आए बन ठन के सेंवर के।
प्रश्न 1. पीपल को किसके समान बताया है? तथा क्यों स्पष्ट कीजिए?
उत्तर. कवि ने यह कल्पना की है कि मानो घर का पूरा व्यक्ति यानी पीपल मेघ रूपी दामाद का अभिवादन कर रहा है क्योंकि पीपल के वृक्ष की आयु बहुत अधिक होती है।
प्रश्न 2. लता कहाँ थी? वह किसकी प्रतीक है? वह ओट में क्यों है?
उत्तर. दरवाजे के पीछे स्थित लता को अपने मायके में रहने वाली युवती के रूप में चित्रित किया गया है। अतः मानो पत्नी दरवाजे की ओट में खड़े होकर पति को उलाहना दे रही है।
प्रश्न 3. ‘बरस बाद सुधि ली’ प्रस्तुत पंक्ति किसने किससे कब कही था क्यों?
उत्तर. लता मेघ को उलाहना दे रही है, वह कह रही है कि मेघ ने लता की खबर 1 वर्ष के बाद ली है।
प्रश्न 4 ताल किसके लिए क्या लाया तथा क्यों? गाँव में पानी की परात का क्या महत्त्व है।
उत्तर. .ताल मेघ रूपी दामाद के स्वागत के लिए पानी भरी परात लाया। गांँव में पानी के परात में अतिथियों के पैर धोकर उनका स्वागत करने की परंपरा है।
अवतरण 4.
क्षितिज, अटारी गहराई, दामिनी दमकी
परम्परा नक्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की
बाँध टूटा, झर-झर मिलन के अश्रु ढरके,
मेघ आए बड़े बन ठन के सेंवर के।
प्रश्न 1 मेघों के आने पर किस स्थान पर क्या हुआ?
उत्तर. बादलों के आने पर चारों ओर अंँधेरा छा गया, बिजली चमकने लगी, बादल गरजने लगे और ठंडी हवा चलने लगी, मानो यह सभी अपनी प्रसन्नता प्रकट कर रहे हो।
प्रश्न 2. क्षमा कौन किससे मांग रहा है तथा क्यों?
उत्तर. लता रूपी नायिका अपने मेघ रुपी पति को साल भर पानी आने का उलाहना देती है साल भर के विरह का बांँध टूट गया और नायिका अपनी भूल के लिए मेघ रूपी पति से क्षमा मांँगती है।
प्रश्न 3. दामिनी किसकी प्रतीक है? पाहुन तथा दामिनी का क्या सम्बन्ध है? दामिनी के दमकने पर क्या परिवर्तन आया?
उत्तर. दामिनी नायिका का प्रतीक है। पाहुन मेघ तथा दामिनी नायक और नायिका है। दामिनी के दमकने पर ऐसा लगा जैसे बरसों से रूठे हुए नायक और नायिका के बीच सुलह हुई और दोनों के नेत्रों से वर्षा रूपी आंँसु बहने लगे।
प्रश्न 4. प्रस्तुत कविता में कवि “मेघ तथा ग्रामीण दामाद की तुलना बिल्कुल सही की है” इस विषय पर अपने विचार लिखिए तथा विचारों की पुष्टि के लिए कविता में से ही उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर. जिस तरह गांँव के दामाद के आने की सूचना रास्ते पर आने जाने वाले व्यक्तियों में पहले से हो जाती है, उसी प्रकार मेघों के आने की सूचना हवा और बिजली को पहले से हो जाती है। लहराते हुए पेड़ ऐसे लग रहे हैं कि मानो दामाद के स्वागत में झुक गए हैं, गांँव का तालाब मेघ रूपी दामाद के पैर धोने के लिए तालाब का पानी परात में भर लिया हो।