Workbook Answers of Bhichhush – Sahitya Sagar
अभ्यास-माला
अवतरण-1
वह आता
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता।
पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक
चल रहा लकुटिया टेक
मुट्ठी भर दाने को भूख मिटाने को
मुँह फटी-पुरानी झोल को फैलाता ।
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता।
प्रश्न 1. प्रस्तुत पंक्तियों में किसके आने की बात की गई है? उसके आने पर क्या होता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर. प्रस्तुत पंक्तियों में भिक्षुक (भिखारी ) के आने की बात की गई है।
प्रश्न 2. भूख के कारण भिखारी की क्या स्थिति हो गई थी तथा वह किस प्रकार चल रहा था?
उत्तर. भूख के कारण भिखारी की पीठ एवं पेट आपस में चिपक गए थे। वह लाठी के सहारे चल रहा था।
प्रश्न 3. भिखारी की झोली कैसी है? वह झोली क्यों फैलाता है?
उत्तर. भिखारी की झोली फतेह पुरानी थी। वह इतना भूखा था कि उसके पास अपनी भूख मिटाने के लिए भोजन तक न था। इसलिए वह अपनी भूख को समाप्त करने के लिए लोगों के समक्ष होली फैला रहा था।
प्रश्न 4. प्रस्तुत कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर. भिक्षुक कविता निराला जी की प्रगतिवादी रचना है। प्रस्तुत कविता के द्वारा कवि ने भिक्षुक की दयनीय स्थिति दिखाकर प्रबुद्ध समाज में उसके प्रति दया एवं सहानुभूति उत्पन्न करने का प्रयास किया है।
अवतरण-2
साथ दो बच्चे भी हैं सदा हाथ फैलाए,
बाएँ से वे मलते हुए पेट को चलते,
और दाहिना दया-दृष्टि पाने की ओर बढ़ाए ।
भूख से सूख ओंठ जब जाते,
दाता भाग्य विधाता से क्या पाते?
घूँट आँसुओं के पीकर रह जाते ।
प्रश्न 1. भिखारी के साथ कौन-कौन हैं तथा वे क्या कर रहे हैं?
उत्तर. कवि भिखारी की स्थिति का वर्णन करते हुए बताते हैं कि भिखारी के साथ उसके दो बच्चे हैं। वह दोनों अपने हाथों को फैलाकर भीख मांँग रहे हैं।बच्चे अपने बाएंँ हाथ से भूखे पेट को मलते जा रहे हैं तथा दाहिने हाथ को किसी दाता की दया दृष्टि पाने के लिए फैलाए हुए है अर्थात दाहिनी हाथ को फैलाकर वह लोगों से भीख मांँग रहे हैं कि उन पर दया करें उन्हें कुछ दे दे।
प्रश्न 2. भूख के कारण बच्चों की क्या स्थिति हो गई है?
उत्तर. भूख के कारण बच्चों का शरीर अत्यंत पतला हो गया है तथा उनके होंठ भी काफी फट गए हैं।
प्रश्न 3. इस समय बच्चों का दाता भाग्य-विधाता कौन है तथा किस प्रकार ? समझाकर लिखिए।
उत्तर. इस समय बच्चों का दाता उन्हें कुछ खाने के लिए देने वाला व्यक्ति है क्योंकि इन बच्चों का भाग्य एक प्रकार से दाता के ऊपर आश्रित है। यानी कि बच्चों को उनसे कुछ मिले या ना मिले यह दाता की दया दृष्टि पर निर्भर है इसलिए दाता ही उनका भाग्य विधाता है।
प्रश्न 4. भिखारी के बच्चे क्या पीते हैं तथा क्यों? उनके ओठों की क्या स्थिति है?
उत्तर. भिखारी के बच्चे आंसुओं के घट को पीते क्योंकि उन पर किसी भी व्यक्ति ने दया दृष्टि नहीं दिखाई अर्थात् दाता ( देने वाले) ने उन्हें खाने के लिए कोई भी अन्न नहीं प्रदान किया है उनके होंठ सूख गए हैं।
अवतरण-3
चाट रहे झूठी पत्तल वे कभी सड़क पर खड़े हुए,
और झपट लेने को उनसे कुत्ते भी हैं अड़े हुए।
ठहरो अहो! मेरे हृदय में है अमृत
मैं सींच दूँगा
अभिमन्यु जैसे हो सकोगे तुम
तुम्हारे दुख मैं अपने हृदय में खींच लूंगा।
प्रश्न 1. कौन कहाँ पर क्या चाट रहे हैं? तथा क्यों? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर. अत्यंत एवं असहनीय भूख लगने के कारण भिखारी के बच्चे सड़क पर खड़े होकर झूठी पत्तल चाट रहे हैं।
प्रश्न 2. बच्चों से कुत्ते क्या झपट रहे हैं तथा किसलिए? समझाकर लिखिए।
उत्तर. जब बच्चे अपनी भूख को शांत करने हेतु उन पत्तलों को चाट रहे होते हैं, तभी मौका मिलते ही पास ही खड़े कुत्ते भी उन पत्तलों को लेने की कोशिश में लग जाते हैं, क्योंकि उन्हें भी भूख लगी होती है।
प्रश्न 3. भिखारी को महाभारत के किस पात्र के समान बताया है तथा किस प्रकार ?
उत्तर. भिखारी को महाभारत के अभिमन्यु के समान बताया गया है जिस प्रकार अभिमन्यु हार कर भी अमर हो गया। उसकी वीरता एवं साहस के कारण उसे सबका प्यार मिला वह सब के हृदय में बस गया, उसी प्रकार कवि कहते हैं कि यद्यपि भिखारी इतना संपन्न नहीं है अर्थात् उसके पास कुछ भी नहीं है कि वह प्रसिद्ध हो सके या सबकी दया पा सके, परंतु कवि कहते हैं कि भिखारी के दुखों को अपने हृदय में खींचकर वे जन साधारण का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करेंगे। जन साधारण के मन में उसके लिए प्रेम एवं स्नेह उत्पन्न करने का प्रयास करेंगे।
प्रश्न 4. ‘तुम्हारे दुख मैं अपने हृदय में खींच लूँगा’ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए तथा बताइए कि भिखारी की सच्चाई को प्रकट करने के लिए कवि कहाँ तक सफल हुए है।
उत्तर. ‘तुम्हारे दुख मैं अपने हृदय में खींच लूँगा’ पंक्ति का तात्पर्य यह है कि मेरे पास उपलब्ध साधनों से मैं तुम्हारी सहायता करूंगा। कवि का सशक्त साधन है उनकी कलम है।अपने विचारों एवं भावों से जन साधारण का ध्यान इन लोगों की दयनीय दशा की ओर आकर्षित करने का प्रयास करेंगे।कवि काफी हद तक अपनी कविता के माध्यम से एक भिखारी की दयनीय स्थिति को लोगों के समक्ष लाने में सफल हुए हैं। इसी कवि के माध्यम से हमें पता चला है की एक भिखारी एवं उसके बच्चों को अपने जीवन में कितना संघर्ष करना पड़ता है।