बात अठन्नी की Sahitya Sagar Workbook Answers – Class 9 & 10

Baat Athani Ki Workbook Answers

अभ्यास-माला

अवतरण 1.

“जिला मजिस्ट्रेट शेख सलीमुद्दीन इंजीनियर बाबू के पड़ोस में रहते थे। उनके चौकीदार मियांँ रमजा़न और रसीला में बहुत मैत्री थी । दोनों घंटो साथ बैठते, बातें करते ।”

(i) रसीला कौन है? उसने अपने मालिक से वेतन के विषय में क्या बात की?

उत्तर. रसीला बाबू जगत सिंह का नौकर था। उसने अपने मालिक से वेतन अधिक करने की बात की।

(ii) वेतन न बढ़ाने पर भी रसीला इंजीनियर साहब की नौकरी क्यों नहीं छोड़ना चाहता था?

उत्तर. वेतन न बढ़ाने पर भी रसीला इंजीनियर साहब की नौकरी नहीं छोड़ना चाहता था, क्योंकि वह सोचता था कि यहांँ जैसा सम्मान और भरोसा करने वाला मालिक और कहीं नहीं मिलेगा।

(iii) रसीला ने जब मालिक से वेतन के विषय में बात की तो मालिक ने क्या जवाब दिया? उनका जवाब उनके चरित्र के विषय में क्या बताता था?

उत्तर. रसीला ने जब अपने मालिक से वेतन बढ़ाने की मांँग की तो उसके मालिक ने वेतन बढ़ाने से मना कर दिया और कहा कि इससे अधिक कहीं और वेतन मिले, तो अवश्य नौकरी छोड़ देना।

उनका क्या जवाब बताता है कि वह लालची एवं निर्दयी थे।

(iv) रसीला की चारित्रिक विशेषता बताइए।

उत्तर. रसीला एक मेहनती, सत्यवादी, ईमानदार, एवं बहुत अच्छा मित्र था।

अवतरण 2.

” रमजा़न ने ठंडी सांँस भरी। उसने रसीला को ठहरने का संकेत किया और आप कोठरी में चला गया। थोड़ी देर बाद कुछ रुपए रसीला की हथेली पर रख दिए। “

(i) रसीला की उदासी का क्या कारण था?

उत्तर. रसीला के बच्चे बीमार थे। किंतु उसके पास उनका इलाज कराने के रुपए नहीं थे। इसलिए वह उदास था।

(ii) रमजा़न की हठ पर जब उसने रमजा़न को अपनी उदासी कारण बताया तो रमजा़न में क्या सलाह दी?

उत्तर. रमजा़न की हठ पर जब उसने रमजा़न को अपनी उदासी कारण बताया तो रमजा़न ने सलाह दी की वह अपने मालिक से पेशगी मांँग ले।

(iii) रसीला की बात सुनकर रमजा़न कहांँ गया तथा क्या लाया तथा रसीला क्या सोचने लगा?

उत्तर. रसीला की बात सुनकर रमजा़न अपनी कोठरी में गया और कुछ रुपए रसीला की हथेली पर रख दिए। रसीला सोचने लगा के बापू साहब की उसने इतनी सेवा की किंतु उन्होंने रुपए ना दिए रमजा़न को देखो गरीब है, परंतु आदमी नहीं देवता है।

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(iv) पैसे न मांँगने पर भी रसीला रमज़ान के सामने आँख क्यों नहीं उठा पाता था?

उत्तर. पैसे न मांँगने पर भी रसीला रमज़ान के सामने आँख नहीं उठा पाता था। क्योंकि वह अभी तक रमजा़न को अठन्नी नहीं दे पाया था। इसलिए जब भी रसीला रमजा़न के सामने होता तो वह लज्जित महसूस करता था। इस कारण वह उससे आंँख नहीं मिला पाता था।

अवतरण 3.

“रसीला समझ गया कि भीतर रिश्वत ली जा रही है ।सोचने लगा “रुपया कमाने का यह कितना आसान तरीका है। मैं सारा दिन मजदूरी करता हूंँ महीने भर बाद दस रुपए हाथ आते हैं। ”

(i) ‘इतनी सी रकम’ से क्या तात्पर्य है? रकम किसको? किसलिए दी जा रही थी?

उत्तर. इतनी सी रकम से तात्पर्य है ₹500 यानी रिश्वत। रकम बाबू जगत सिंह को दी जा रही थी। किसी कार्य को करने के लिए रिश्वत दी जा रही थी।

(ii) ‘आप मेरा अपमान कर रहे हैं’ से क्या तात्पर्य है? यह शब्द कहकर इंजीनियर बाबू क्या सिद्ध करना चाहते थे?

उत्तर. आप मेरा अपमान कर रहे हैं से तात्पर्य है- बहुत कम रिश्वत देना। यह शब्द कहकर इंजीनियर बाबू अपने आप को रिश्वतखोर सिद्ध करना चाहते थे‌।

(iii) इस वार्तालाप को किसने सुना तथा वह क्या समझ गया?

उत्तर. इस वार्तालाप को रसीला ने सुना। वह समझ गया कि अंदर रिश्वत दी जा रही है।

(iv) ‌श्रोता क्या सोचने लगा तथा बाहर आकर उसने सारी बात किसे बताई?

उत्तर. श्रोता सोचने लगा कि वे महीने भर मजदूरी करता है। तब जाकर उसे ₹10 मिलते हैं। यहांँ उसके मालिक को एक ही बार में ₹500 मिल गए। यह सारी बातें उसने अपने मित्र रमजा़न को बताइए।

अवतरण 4.

“आज भी एक शिकार फँसा है। 1 हजार से कम देना भैया गुनाह का फल मिलेगा या नहीं पर ऐसी कमाई से कोठियों में रहते हैं। “

(i) उपयुक्त कथन कौन, किससे और किस अवसर पर कह रहा है?

उत्तर. उपयुक्त कथन रमजा़न रसीला से कह रहा है। यह सब शेख सलीमुद्दीन द्वारा ली जाने वाली रिश्वत पर कहा गया है।

(ii) यहांँ किस कमाई की बात हो रही है? ‘ऐसी ही कमाई’ प्रस्तुत कहानी में कौन-कौन कर रहा है?

उत्तर. यहांँ पर ऊपरी कमाई यानी दो पैसों वाली कमाई की बात हो रही है। ऐसी कमाई का अर्थ है कि रिश्वत लेना और इस कहानी में रिश्वत इंजीनियर बाबू और शेख सलीमुद्दीन ले रहे हैं।

(iii) वक्ता की बात सुनकर श्रोता के मन में क्या विचार आया और क्यों?

उत्तर. वक्ता (रमजान) की बात सुनकर श्रोता (रसीला) के मन में रिश्वत लेने का विचार आया, क्योंकि उसके हिसाब से रिश्वत लेना पैसे कमाने का यह सबसे सरल साधन है।

(iv) प्रस्तुत कहानी के आधार पर ‘रमजान’ का चरित्र चित्रण कीजिए।

उत्तर. रमजान एक दयालु और न्याय प्रिय व्यक्ति था। वह सच्चा और अच्छा मित्र था।

अवतरण 5.

“रसीला का रंग उड़ गया। बाबू जगतसिंह समझ गए। उन्होंने रसीला से फिर पूछा, रसीला ने फिर वही दोहराया। उन्होंने रसीला के मुंँह पर एक तमाचा मारा और कहा, ‘चल मेरे साथ जहांँ से लाया है’।”

(i) ‘रंग उड़ना’ से क्या तात्पर्य है? रसीला का रंग क्यों उड़ गया था?

उत्तर. रंग उड़ना से तात्पर्य है चोरी करना। रसीला के मालिक ने रसीला से ₹5 की मिठाई मंगवाई थी।उसमें से अठन्नी रुपया रसीला ने बचा लिया था। चोरी पकडी जाने पर रसीला का रंग उड़ गया था।

(ii) रसीला में कौन सी गलती की थी तथा क्यों?

उत्तर. रसीला ने ₹5 में से अठन्नी चोरी की थी। उसने रमजा़न से बच्चौं के इलाज के लिए रुपए मांगे थे। उसमें से सिर्फ अठन्नी पैसे चुकाने को बचे थे। इसलिए रसीला ने अठन्नी की चोरी की थी।

(iii) रसीला द्वारा अपनी बात कहें जाने पर जगत सिंह ने रसीला के साथ कैसा व्यवहार किया?

उत्तर. रसीला ने जब अपनी गलती मानी तो बाबू जगत सिंह ने उसे तमाशा मारा और अपने साथ ले गया।

(iv) प्रस्तुत कहानी के आधार पर बाबू जगतसिंह का चरित्र चित्रण कीजिए?

उत्तर. बाबू जगत सिंह रिश्वतखोर व्यक्ति थे। वह उग्र स्वभाव के थे। वह अपने नौकरों से निर्दयता से बात करते थे। वह एक लालची व्यक्ति थे।

अवतरण 6.

“इंजीनियर साहब की आंँखों से आग बरसने लगी। उन्होंने निर्दयता से रसीला को खूब पीटा फिर घसीटते हुए पुलिस थाने ले गये। सिपाही के हाथ में पाँच का नोट रखते हुए बोले, मनवा लेना। लातों के भूत बातों से नहीं मानते।”

(i) इंजीनियर साहब किस पर गुस्सा हो रहे थे तथा क्यों?

उत्तर. इंजीनियर साहब अपने नौकरी रसीला पर गुस्सा थे क्योंकि उसन चोरी की थी।

(ii) गलती की सजा के रूप में इंजीनियर साहब किसको कहांँ ले गए थे?

उत्तर. गलती की सजा के रूप में इंजीनियर साहब रसीला को पुलिस थाने ले गए थे।

(iii) ‘सिपाही को रिश्वत देना’ इंजीनियर साहब के विषय में क्या प्रदर्शित करता है? उनका स्वयं का आचरण कैसा था?

उत्तर. ‘सिपाही को रिश्वत देना’ इंजीनियर साहब के विषय में रिश्वतखोरी के बारे में प्रदर्शित करता है। वह लालची, निर्दयी एवं उग्र स्वभाव के व्यक्ति थे।

(iv) ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’ मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए? साथ ही बताइए इस मुहावरे का प्रयोग किस संदर्भ में किया गया है?

उत्तर. इस मुहावरे का अर्थ है- दुष्ट व्यक्ति प्यार से नहीं मानता है।

वाक्य- जितेंद्र ने चोरी की हुई है यह बात वह मानता ही नहीं है। सही कहा गया है लातों के भूत बातों से नहीं मानते।

जब रसीला ने अपनी चोरी नहीं मानी तब उसके मालिक ने यह कहा था।

अवतरण 7.

“फैसला सुनकर रमजा़न की आंँखों में खून उतर आया। सोचने लगा यह दुनिया न्याय नगरी नहीं, अंधेर नगरी है। चोरी पकड़ी गई तो अपराध हो गया। असली अपराधी तो बड़ी-बड़ी कोठियों में बैठकर दोनों हाथों से धन बटोर रहे उन्हें कोई नहीं पकड़ता।”

(i) फैसला क्या था और उसे किसने सुनाया था?

उत्तर. फैसले में रसीला को 6 महीने की जेल हुई थी। फैसला शेख सलीमुद्दीन ने सुनाया था।

(ii) अपराधी तथा रमज़न का क्या संबंध था। रमजा़न की आंँखों में खून क्यों उतर आया?

उत्तर. अपराधी तथा रमजा़न दोनो घनिष्ठ मित्र थे। रमज़ान की आंँखों में खून उतर आया क्योंकि अमीर व्यक्ति हमेशा बच जाता है। गरीब अगर थोड़ी सी चोरी भी कर ले तो उसे अपराध समझ लिया जाता है।

(iii) रमजा़न ने दुनिया को क्या कहा तथा क्यों? रमजान का क्रोध क्या सही था?

उत्तर. रमजानी कहा कि यह दुनिया न्याय नगरी नहीं अंधेर नगरी है जो व्यक्ति अपनी बड़ी-बड़ी कोठियों में बैठकर रिश्वत लेते हैं। तो उनके साथ कुछ नहीं होता यहांँ गरीब कुछ भी कर दे तो उसे अपराध समझ लिया जाता है।

रमजा़न का क्रोध सही था क्योंकि अपराध तो अपराध होता है, भले अपराध गरीब ने किया हो या अमीर ने, सजा दोनों को मिली चाहिए।

(iv) प्रस्तुत कहानी से मिलने वाली शिक्षा लिखिए?

उत्तर. प्रस्तुत कहानी में हमें रिश्वत न लेने और न देने की शिक्षा दी गई है।

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