चलना हमारा काम है| Sahitya Sagar| Workbook Answers| Class 9th & 10th| ICSE Board

CHALNA HAMARA KAAM HAI

अभ्यास-माला

गति प्रबल पैरों में भरी

फिर क्यों रहूँ दर-दर खड़ा

जब आज मेरे सामने

है रास्ता इतना पड़ा

जब तक न मंज़िल पा सकूँ

तब तक मुझे न विराम है।

चलना हमारा काम है।

प्रश्न 1. कवि के पैरों में क्या है, पैरों की ऐसी स्थिति होने पर कवि क्या नहीं करना चाहता है ?

उत्तर. कवि के पैरों में बहुत ही शक्ति है तथा व पैरों की इस स्थिति में रुकना नहीं चाहते अर्थात् निरंतर आगे बढ़ना चाहते हैं तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं।

प्रश्न 2. प्रस्तुत शब्दों के अर्थ लिखिए- प्रबल दर, विराम, गति।

उत्तर. प्रबल -तेज

दर- जगह

विराम आराम

गति चाल

प्रश्न 3. कवि के समक्ष क्या है तथा वह कब तक विश्राम नहीं करना चाहता है ?

उत्तर. कवि के समक्ष उनका लक्ष्य है तथा वह तब तक विश्राम नहीं करना चाहते तब तक उन्हें उनके लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए।

प्रश्न 4. कवि के अनुसार हमारा काम क्या है? ‘चलते रहने से क्या तात्पर्य है?

उत्तर. कवि कि अनुसार हमारा काम निरंतर आगे बढ़ना है। चलने रहने से अर्थात मनुष्य को सदैव गतिशील रहना चाहिए।

कुछ कह लिया कुछ सुन लिया,

कुछ बोझ अपना बँट गया,

अच्छा हुआ तुम मिल गई,

कुछ रास्ता ही कट गया,

क्या राह में परिचय कहूँ, राही हमारा नाम है

चलना हमारा काम है।

प्रश्न 1. प्रस्तुत अवरण में ‘बोझ’ शब्द से क्या तात्पर्य है? कवि का बोझ किस प्रकार बँट गया ?

उत्तर. बोझ अर्थात् जीवन के सुख-दुख। कवि का बोझ अपने जीवन की विडंबनाओ तथा अपने दुख अपनी प्रिय मित्र को बता कर बँट गया।

प्रश्न 2. कवि को कौन मिला तथा मिलने पर क्या हुआ?

उत्तर. कवि को रास्ते में उसकी प्रितमा मित्र मिल जाते हैं जिनसे वह अपने मन की बात एक दूसरे को व्यक्त करते हैं तथा अपने मन के बोझ को कम करते हैं।

प्रश्न 3. कवि ने अपना परिचय क्या दिया है तथा क्यों?

उत्तर. कवि कह रहे हैं कि जीवन की इस राह में उनका कोई विशेष परिचय नहीं है, वह केवल एक राही है तथा निरतंर आगे बढ़ना उनका काम है।

प्रश्न 4. प्रस्तुत कविता का मूलभाव अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर. कविता के माध्यम से कवि पाठकों को गतिशील रहने को कह रहे हैं तथा जीवन में लक्ष्य को प्राप्त करने को कह रहे हैं।

जीवन अपूर्ण लिए हुए,

पाता कभी, खोता कभी,

आशा-निराशा से घिरा

हँसता कभी रोता कभी।

गति मति न हो अवरुद्ध इसका ध्यान आठों याम है।

चलना हमारा काम है।

प्रश्न 1. कवि के अनुसार जीवन कैसा है तथा क्यों?

उत्तर. कवि के अनुसार जीवन अपूर्ण है क्योंकि जीवन में कभी बहुत कुछ प्राप्त होता है, और कभी कुछ खो भी जाता है। तात्पर्य यह है कि जीवन की यात्रा हमेशा अपूर्ण रहती है।

प्रश्न 2. मनुष्य का जीवन किन-किन भावों से घिरा हुआ है तथा क्यों?

उत्तर. मनुष्य का जीवन आशा, निराशा, रोना तथा कभी हंसना इन्हीं सभी भावों से भरा हुआ है।

प्रश्न 3. ‘आठो याम’ से कवि का क्या तात्पर्य है तथा ‘आठों याम’ किस चीज़ का ध्यान रखना चाहिए तथा क्यों?

उत्तर.आठो याम अर्थात 24 घंटे। कवि आठो याम का ध्यान रखने को इसलिए कह रहे, ताकि जीवन की गति कभी रुके नहीं।

प्रश्न 4. आशा निराशा से घिरा हँसता रोता कभी पंक्ति की व्याख्या कीजिए तथा स्पष्ट कीजिए कि प्रस्तुत पंक्ति में जीवन की किस सच्चाई का वर्णन किया गया है?

उत्तर.आशा निराशा से घिरा हँसता रोता कभी पंक्ति का तात्पर्य है कि मनुष्य का जीवन उपयुक्त स्थितियों से भरा हुआ है एवं भावों जैसे आशा निराशा, हंसना रोना आदि परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है और इसी का नाम जीवन है।

इस विशद विश्व-प्रवाह में

किसको नहीं बहना पड़ा

सुख-दुख हमारी ही तरह

किसको नहीं सहना पड़ा

फिर व्यर्थ क्यों कहता फिरूँ

मुझ पर विधाता वाम है।

चलना हमारा काम है।

प्रश्न 1. ‘इस विशद विश्व प्रवाह में किसको नहीं बहना पड़ा’ पंक्ति की व्याख्या कीजिए।

उत्तर.इस विशद विश्व प्रवाह में किसको नहीं बहना पड़ा पंक्ति का तात्पर्य है कि हमें संसार के बहाव में बहना पड़ता है। अथात यह है कि समय की गति के साथ सबको चलना पड़ता है सबको समान रूप से सुख दुख सहन भी करने पड़ते हैं।

प्रश्न 2. सुख-दुख सहन करने के विषय में कवि हमें क्या बताना चाहता है?

उत्तर. कभी कह रहे हैं कि संसार में सभी को एक समान सुख दुख का सामना करना पड़ता है। इस विश्व में ऐसा कोई नहीं है जो सुख-दुख की नैया में ना बैठा हूं।

प्रश्न 3. कवि विधाता के विरोध में क्यों नहीं बोलना चाहता ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर. कवि विधाता के विरोध में इसलिए नहीं बोलना चाहते क्योंकि ईश्वर सदैव सबके साथ होते हैं और सभी को समान रूप से सुख दुख देते हैं।

प्रश्न 4. प्रस्तुत कविता किस प्रकार की कविता है तथा इसके द्वारा कवि मनुष्य को क्या सन्देश देना चाहता है?

उत्तर. प्रस्तुत कविता प्रेरणापूर्वक है तथा इसके द्वारा कवि मनुष्य को निरंतर चलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

मैं पूर्णता की खोज में

दर-दर भटकता ही रहा

प्रत्येक पग पर कुछ न कुछ

रोड़ा अटकता ही रहा

पर हो निराशा क्यों मुझे? जीवन इसी का नाम है

चलना हमारा काम है।

प्रश्न 1. कवि किसकी खोज में कहाँ कहाँ भटकता रहा तथा क्यों?

उत्तर. कवि प्रसन्नता तथा अधिक पाने की इच्छा की खोज में इधर-उधर भटकते रहे।

प्रश्न 2. कवि के मार्ग में क्या-क्या आया तथा उसने क्या सोचा ?

उत्तर. कवि के मार्ग में बहुत सारी बाधाएंँ आई परंतु वे निराश नहीं हुए और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर आगे बढ़ते रहें।

प्रश्न 3. कवि के अनुसार जीवन की क्या परिभाषा है ?

उत्तर. कवि के अनुसार संघर्ष ही जीवन का दूसरा नाम है। संसार में ऐसा कोई प्राणी नहीं है जो बिना संघर्ष किए जीवन व्यतीत कर रहा हो। सभी को सुख की प्राप्ति के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

प्रश्न 4. इस संसार में मानव जीवन की सार्थकता किसमें है तथा क्यों?

उत्तर. इस संसार में मानव जीवन की सार्थकता बिना रुके आगे बढ़ते हुए अपने लक्ष्य की प्राप्ति से है।

कुछ साथ में चलते रहे

कुछ बीच ही से फिर गए।

पर गति न जीवन की रुकी

जो गिर गए सो गिर गए।

चलता रहे हरदम, उसी की सफलता अभिराम है।

चलना हमारा काम है।

प्रश्न 1. कवि ने उसकी राह में आने वाले राहियों के विषय में क्या-क्या बताया है ?

उत्तर. कवि ने बताया है कि ला में उन्हें कुछ ऐसे राही मिले जो कि मुश्किलों के कारण बीच में हार मान गए तथा कुछ ऐसे मिले जो विषम परिस्थितियों में भी आगे बढ़ते रहें।

प्रश्न 2. कवि के अनुसार सफलता किसको प्राप्त होती है ?

उत्तर. कवि के अनुसार उन्हीं लोगों को सफलता प्राप्त होती है जो बिना रुके सारी रुकावट ओ का सामना करते हुए अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ते रहते हैं।

प्रश्न 3. जो गिर गए सो गिर गए चलता रहे हरदम, उसी की सफलता अभिराम है। पंक्ति की व्याख्या करते हुए बताइए कि इस पंक्ति के द्वारा कवि क्या सन्देश देना चाहता है ?

उत्तर. कवि कह रहे हैं कि किसी के रुकने या किसी के जाने से जीवन की गति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। भाव यह है कि हमें विषम परिस्थितियों में भी अपने जीवन की यात्रा नहीं छोड़नी चाहिए और सदैव आगे बढ़ते रहना चाहिए।

प्रश्न 4. कवि ने निरन्तर चलते रहने के लिए क्यों कहा है? निरन्तर चलते रहने से क्या होगा?

उत्तर. कवि ने निरंतर चलती रहने के लिए इसलिए कहा है क्योंकि अगर हम बिना रुके आगे चलती रहेंगे तो भविष्य में हमें अवश्य ही सफलता प्राप्त होगी।

चलना हमारा काम है|

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