Kaki (काकी )
अभ्यास माला
अवतरण 1.
“लोग बड़ी कठिनता से उसे हटा पाए। काकी के दाह संस्कार में उसे जाने नहीं दिया। एक दासी राम-राम करके उसे घर पर ही संभाले रही।”
(i)किसके घर में कोहराम मचा हुआ था तथा क्यों?
उत्तर. श्यामू घर में कोहराम मचा हुआ था, क्योंकि उसकी काकी का देहांत हो गया।
(ii) श्यामू ने नींद खुलने पर काकी को किस अवस्था में देखा? तथा घर के अन्य लोग क्या कर रहे थे?
उत्तर. श्यामू ने नींद खुलने पर काकी को कम्बल में लिपटी जमीन पर सोते हुए देखा | घर के अन्य लोग उन्हें घेरकर रो रहे थे।
(iii)जब काकी को श्मशान ले जाने लगे तब श्यामू ने क्या किया तथा उसने क्या कहा?
उतर. जब काकी को श्मशान ले जाने लागे तब श्यामू उससे शव से लिपट गया ” – और बोला-काकी सो रही है, इन्हें इस तरह उठाकर कहाँ लिए जा रहे हो ? मैं न जाने दूँगा |
(iv) क्या बच्चों को श्मशान भूमि तक ले जाना उचित है? अपने विचार लिखिए।
उतर. नहीं, बच्चों को श्मशान तक ले जाना अनुचित है क्योंकि मृत शरीर से बहुत से रोगाणु निकलते है और वातावरण में फैल जाते हैं, यह रोगाणु बच्चों को आसानी से बीमार कर सकते है। साथ ही वहाँ का भयानक दृश्य देखकर बच्चे डर भी सकते हैं।
अवतरण 2.
“वर्षों के अनंतर एक दो दिन में ही पृथ्वी के ऊपर का पानी तो अगोचर हो जाता है, परन्तु भीतर ही भीतर उसकी आर्द्रता जैसे बहुत दिन तक बनी रहती है, वैसे ही उसके अतंरतल मे वह शोक जाकर बस गया।”
(i) बुद्धिमान गुरुजनों ने श्यामू को क्या समझाया था तथा क्यों?
उत्तर. गुरुजनों ने श्यामू को समझाया कि उसकी माँ मामा के घर गई हैउन्होंने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि वह अपनी माँ को याद करके रोता था।
(ii) श्यामू को कौन सी सच्चाई पता चली और कैसे ?
उत्तर. श्यामू को अपनी माँ की मृत्यु की सच्चाई मोहल्ले से बच्चों पता चली।
(ii) काकी की याद में श्यामू की स्थिति कैसी हो गई थी? यह प्रायः अकेला बैठा-बैठा क्या करता था?
उत्तर. काकी की याद में श्यामू का शोक शांत नहीं हुआ। वह काफी दुखी रहा करता था।यह प्रायः अकेला बैठकर आकाश में देखा करता है।
(iv) उपर्युक्त अवतरण का भाव स्पष्ट करते हुए श्यामू की शोक स्थिति के विषय में बताइए।
उत्तर. जब तक मनुष्य की स्मृतियाँ और दुर्घटना नई रहती तब तक उसका दुख भी ताज़ा रहता है, धीरे-धीरे समय के साथ वह यादें धुंधली होने लगती है और वह दुख अंतर्मन में बैठ जाता है।
अवतरण 3.
“अच्छा मेगा दूँगा।” कहकर वे उदास भाव से कहीं चले गए। श्यामू पतंग के लिए बहुत उत्कंठित था। वह अपनी इच्छा किसी तरह रोक न सका।”
(i) एक दिन श्यामू ने आकाश में क्या देखा? उसे देखकर श्यामू का मन कैसा हो गया ?
उत्तर. श्यामू ने आकाश में पतंग उड़ते देखी उसे देखकर श्यामू का मन प्रसन्न हो गया |
(ii) विश्वेश्वर कौन थे? उमा की मृत्यु के बाद उनकी क्या स्थिति थी ?
उत्तर. विश्वेश्वर श्यामू के पिता थे | उमा की मृत्यु के बाद वे (उदास) अन्यमनस्क में रहा करते थे।
(iii) श्यामू ने पतंग मँगाने की बात किससे कही तथा उन्होंने श्यामू को क्या जवाब दिया तथा क्यों?
उत्तर.श्यामू ने पतंग मँगाने की बात अपने पिता से कही थी। इस बात के उत्तर में श्यामू के पिता ने उदास भाव से कहा कि – “अच्छा मँगा दूंँगा और वहाँ से चले गए ।
(iv) श्यामू ने पतंग लाने के लिए क्या किया? समझकर लिखिए।
उतर.श्यामू ने पतंग लाने के लिए अपने पिता की जेब से चवन्नी निकाल ली और नौकरानी के पुत्र भोला की दीदी से पतंग और डोर मँगाई।
अवतरण 4.
पतंग आई। एक अंधेरे घर में उसमें डोर बाँधी जाने लगी। श्यामू ने धीरे से कहा, “भोला, किसी से न कहो तो एक बात कहूँ। “
(i) भोला कौन था? श्यामू ने उससे पतंग मगँवाने के लिए क्या कहा ?
उत्तर. भोला एक दासी का पुत्र था और श्यामू कामित्र था। श्यामू ने मोला से कहा- “अपनी जीजी से कहकर एक पतंग और डोर मँगा दो। अकेले में लाना कोई जान न पाए।”
(ii) पतंग लाने के लिए श्यामू ने उससे क्या वायदा लिया तथा पतंग आने पर क्या किया गया?
उत्तर. पतंग लाने के लिए श्यामू ने उससे पतंग वाली बात किसी को न बताने का वायदा लिया। पतंग आने पर वह दोनों उसमें डोर बंँाधने लगे।
(iii) श्यामू ने भोला को पतंग लाने का क्या प्रयोजन बताया ?
उत्तर.श्यामू ने भोला को बताया – “मैं यह पतंग राम के यहाँ भेजूगाँ इसे पकड़ कर काफी नीचे उतरेंगी।
(iv) भोला ने श्यामू को उसके कार्य में क्या कठिनता बताई? तथा उसके लिए क्या उपाय बताया?
उत्तर. भोला श्यामू से बोला कि यह डोर तो बहुत पतली है। इसे पकड़कर काकी नीचे नहीं उतर सकती क्योंकि इसका टूटने का डर है। रस्सी मोटी हो तो सब ठीक होगा ।
अवतरण 5.
पास में दाम है नहीं और घर के जो आदमी उसकी काकी को बिना दया माया के जला आए हैं, वे उसे इस काम के लिए कुछ नहीं देंगे। उस दिन श्यामू को चिंता के मारे बड़ी रात तक नींद नहीं आई।
(i) श्यामू को दाम की आवश्यकता किसलिए थी? उसे रात को नींद क्यों नहीं आई?
उत्तर. श्यामू को मोटी रस्सी लाने के लिए दाम की आवश्यकता थी। मोटी रस्सी की चिन्ता के कारण उसे रात को नींद नहीं आई।
(ii) उसने रस्सी मँगवाने के लिए क्या किया?
उत्तर. उसने रस्सी मँगवाने के लिए अपने पिता की जेब से बिना बताए एक रुपये निकाल लिए।
(iii) उसने पतंग पर किससे क्या लिखवाने के लिए सोचा? लिखवाने से क्या सरलता होती?
उत्तर.उसने पतंग पर जवाहर भैया से काकी लिखवाने का सोचा क्योंकि पतंग पर काकी लिख जाने से उसकी काकी को पता चल जायेगा की यह पतंग उनके लिए ही आई है, इस बात को जानने के बाद वह आराम से नीचे आ सकेंगी।
(iv) प्रस्तुत अवतरण के आधार पर बच्चों की मनोदशा का वर्णन कीजिए।
उत्तर. इस कथा में श्यामू की माँ की मृत्यु हो गई। श्यामू उनकी मौत से अत्यंत विचलित हो गया है। वह अपनी माँ के लिए परेशान था वह अपनी माँ को अपने पास लाने के लिए उपाय ढूँढ रहा था।यह बात हमे यह बताने के लिए पर्याप्त है कि बच्चे अत्यंत सरल स्वभाव के होते हैं जब उन्हें पता चलता है कि हम अपने प्रियजनों को इस तरीके से अपने पास बुला सकते हैं तो वह हर संभव प्रयास करते हैं कि वह उनको अपने पास बुला ले। इस समय बडो को बच्चों की मनोदशा को समझते हुए उन्हें और ज्यादा भी प्यार देना चाहिए।
अवतरण 6.
अकस्मात् शुभ कार्य में विघ्न की तरह उग्र रूप धारण किए हुए विश्वेश्वर यहाँ आ घुसे।
(i) शुभ कार्य कौन सा था तथा विघ्न क्या था ?
उत्तर. शुभ कार्य यह था कि काकी को राम के घर से लाने के लिए पतंग तैयार हो गई थी। किंतु विश्वेश्वर विघ्न के रूप में आ गए।
(ii) विश्वेश्वर के क्रोध का क्या कारण था? उन्होंने श्यामू से क्या पूछा?
उत्तर. विश्वेश्वर के क्रोध का कारण श्यामू का पैसे चुराना था। उन्होंने पूछा कि कोट से रुपया किसने निकाला है ।
(iii) प्रस्तुत कहानी के आधार पर विश्वेश्वर का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर. कहानी में विश्वेश्वर की पत्नी की मृत्यु हो जानेके कारण वह गुमसुम रहने लगे थे, जिससे हमे उनके संवदेनशील होने का पता चलता है।इसके अतिरिक वह एक लापरवाह पिता के रूप में भी दिखाई पड़ते है क्योंकि वह अपने पुत्र को चोरी करने जैसे गलत मार्ग पर चलने से रोक न पाए।
(iv)प्रस्तुत कहानी किसी दुःख के बाद उसके परिवार का सही चित्रण प्रस्तुत करती है। आप इस से कहाँ तक सहमत है तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर. लेखक ने प्रस्तुत कहानी में एक शोकाकुल परिवार का वर्णन किया है। है जहाँ पर किसी प्रियजन की मृत्यु हो गई है और उनकी मृत्यु हो जाने के कारण घर के लोग बहुत ही दुःखी रहने लगे है।
अवतरण 7.
विश्वेश्वर हतबुदिध होकर वहीं खड़े रह गए। उन्होंने फटी हुई पतंग उठाकर देखा।उस पर चिपके हुए कागज़ पर लिखा हुआ था– ‘काकी’ ।
(i)विश्वेश्वर को पतंग मँगाने की बात किसने बताई तथा क्यों?
उत्तर. विश्वेश्वर को पतंग मँगाने की बात भोला ने बताई थी क्योंकि यह विश्वेश्वर का गुस्सा देखकर डर गया था।
(ii) विश्वेश्वर ने श्यामू को चोरी की क्या सज़ा दी तथा क्यों?
उत्तर.विश्वेवर ने श्यामू को सजा के रूप में उसको दो तीन तखाचे मारे थे। क्योंकि शायद सज़ा न देने पर वह चोरी और करने लग सकता था।
(iii) विश्वेश्वर हतबुदिध होकर खड़े क्यों रह गए? उन्होंने रस्सियों के विषय में क्या पूछा? तथा भोला ने क्या जवाब दिया ?
उत्तर. विश्वेश्वर काफी शब्द को पढ़ कर हतबुदिध होकर खड़े रह गए।भोला ने जवाब दिया कि इस रस्सियों से पड़ककर काकी राम के घर से वापस आएंँगी।
(iv) प्रस्तुत कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती हैं?
उत्तर. प्रस्तुत कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि बड़ों को बच्चों द्वारा किए गए कार्य का प्रयोजन जान लेना चाहिए।प्रयोजन जानने के बाद ही कोई फैसला करना चाहिए।