अपना-अपना भाग्य
अभ्यास-माला
अवतरण 1.
“हाथ पकड़कर ज़रा बैठने के लिए जब जो़र से बैठा लिया तो और चारा न रहा। सनक से छुटकारा पाना आसान न था और ज़रा बैठना भी ‘ज़रा’ था।”
(i) लेखक और उसका मित्र कहांँ और क्यों बैठे थे?
उत्तर. लेखक और उनका मित्र नैनीताल घूमने गए थे। वहांँ पर वह पर्वतीय प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए सड़क के किनारे एक बेंच पर जा बैठे।
(ii) नैनीताल की संध्या के विषय में लेखक ने क्या बताया है?
उत्तर. लेखक ने बताया कि नैनीताल की संध्या मनमोहक थी। बहुत ठंडी होने के कारण पूरे वातावरण में कोहरा छाया हुआ था, उस समय नैनीताल की सुंदरता अत्यधिक शोभायमान प्रतीत हो रही थी।
(iii) वहांँ बैठे-बैठे लेखक क्या चाहता था? उसके मित्र ने क्या किया और क्यों?
उत्तर. नैनीताल की संध्या के समय लेखक बेंच में बैठे हुए अपने मित्र का इंतजार कर रहे थे। उनका मित्र वहांँ थोड़ी देर तक नहीं आया क्योंकि वह चाहता था कि लेखक वहांँ पर बैठकर नैनीताल की सुंदरता का अनुभव करे।
(iv) ‘चारा न रहा’ से क्या तात्पर्य है? लेखक के लिए चारा क्यों नहीं रहा तथा ज़रा बैठना भी ‘ज़रा’ न था। कहकर लेखक मित्र के विषय में क्या बताना चाहता है?
उत्तर. चारा न रहा से तात्पर्य है मजबूरी से। क्योंकि उस दिन बहुत ठंडी हवा चल रही थी जो लेखक को अत्यधिक परेशान कर रही थी, इसलिए वह वहांँ बैठना नहीं चाहता था, किंतु अपने मित्र के आग्रह पर वहाँ थोड़ी देर बैठ गया।
अवतरण 2.
“वह हमें न देख पाया, वह जैसे कुछ भी न देख रहा था। न नीचे की धरती, न ऊपर चारों ओर फैला हुआ कोहरा, न सामने का तालाब, और न एकाकी दुनिया। वह बस अपने निकट वर्तमान को देख रहा था।”
(i) प्रस्तुत वाक्य किसके द्वारा कब कहा गया है तथा कहने का क्या प्रयोजन था?
उत्तर. प्रस्तुत वाक्य लेखक द्वारा कहा गया है जब उन्होंने उस घने कोहरे में एक लड़के को अपनी ओर आते हुए देखा, वह लड़का उस कोहरे को चीरता हुआ लेखक की ओर आ रहा था, उस ठंड में वह लड़का केवल फटी कमीज़ पहने हुए था। इस कारण लेखक ने उस लड़के के बारे में बताया है।
(ii) बालक कौन था? वह कहांँ से आया था?
उत्तर. मैं बालक एक पहाड़ी था। उसकी उम्र लगभग 11 या 12 वर्ष थी। वह नंगी पैर था और बाल उसके घने व घुंघराले थे। वह अपने गांव से भागकर नौकरी की तलाश में आया था।
(iii) पहली नजर में दोनों को कैसे लगा कि बालक गरीब है।
उत्तर. जब लेखक और उसके मित्र ने बालक की ऐसी दशा देखी तो उन्हें पता चल गया कि वह बालक अत्यंत गरीब है।
(iv) वह बालक क्या चाहता था? उसने अपने विषय में क्या बताया?
उत्तर. वे पहाड़ी बालक अपना पेट भरने के लिए और सिर छुपाने के लिए एक नौकरी चाहता था उसने अपने विषय में लेखक को यह बताया कि उसके गांव में उसके माता-पिता और उसके दो भाई बहन हैं जो भूख के कारण रोते रहते हैं, इस कारण में वहांँ से भाग आया।
अवतरण 3.
“दुनिया सो गई, तू ही क्यों घूम रहा है? बालक मूक फिर भी बोलता हुआ-सा चेहरा लेकर खड़ा रहा।”
(i) ‘मूक’ शब्द से क्या तात्पर्य है? बालक ने प्रश्न सुनकर भी उसका उत्तर क्यों नहीं दिया?
उत्तर. मूक शब्द का अर्थ है चुपचाप। बालक अत्यंत भुखा एवं थका हुआ था। साथ ही साथ वह अपने सामने आने वाली परेशानियों से परेशान था। इसलिए वह वहांँ मूक खड़ा रहा।
(ii) लेखक तथा उसके मित्र को बालक के विषय में क्या क्या पता चला?
उत्तर. लेखक तथा उसके मित्र को बालक के विषय में यह पता चला कि वह बालक लगभग 10 या 12 वर्ष का है, जिसे एक नौकरी की तलाश है तथा वह 15 कोश दूर से अपने एक मित्र के साथ यहांँ आया हुआ है।
(iii) वे बालक घर से क्यों भाग कर आया था? उसके साथ कौन आया था? वह साथी कहाँ था?
उत्तर. घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वह अपने एक साथी के साथ घर से भाग आया था। वह साथी मर चुका था, क्योंकि उसके मालिक ने उसे बहुत पीटा था।
(iv) बालक के विषय में सुनकर लेखक के मन में कैसे भाव उठ रहे थे? लेखक तथा उसका मित्र बालक को लेकर कहांँ गए और उसका क्या परिणाम रहा?
उत्तर. बालक के विषय में सुनकर लेखक के मन में दया का भाव उठ रहा था। लेखक तथा उसका मित्र बालक को वकील साहब के यहांँ नौकरी दिलवाने ले गए, परंतु वकील साहब ने उसे नौकरी पर रखने से मना कर दिया।
अवतरण 4.
“अजी, यह पहाड़ी बड़े शैतान होते हैं। बच्चे-बच्चे में अवगुण छुपे रहते हैं। आप भी क्या अजीब हैं उठा लाए कहीं से – लो जी यह नौकर कर लो।”
(i) वकील साहब के मन में बच्चे के प्रति क्या आशंका थी?
उत्तर. वकील साहब के मन में बच्चे की प्रति यह आशंका थी कि वह बच्चा पहाड़ी है। पहाड़ी बच्चे बहुत ही शैतान होते हैं। बच्चे-बच्चे में अवगुण छुपे रहते हैं और अगर नौकर बना लिया तो वह अगले दिन क्या-क्या लेकर गायब हो जाएगा।
(ii) वकील साहब जब होटल के कमरे से उतरे तो उनकी वेशभूषा क्या थी वह कैसा अनुभव कर रहे थे?
उत्तर. वकील साहब जब होटल के कमरे से उतरे तो उन्होंने एक कश्मीरी दुशाला लपेटा हुआ था और मोजे चढ़ए हुए थे, पैरों में चप्पले थी।
(iii) वकील साहब में बालक के साथ कैसा व्यवहार किया तथा क्यों?
उत्तर. वकील साहब ने बालक के साथ बुरा व्यवहार किया क्योंकि वह अनजान बालक था।
(iv) वकील साहब किस प्रकार के व्यक्ति थे उनके व्यक्तित्व का परिचय दीजिए?
उत्तर. वकील साहब स्पष्ट वादी स्वार्थी विश्वासी तथा क्रूर स्वभाव के थे। वे किसी की मजबूरी नहीं समझते थे इसलिए उन्होंने लड़के की मदद नहीं की थी।
अवतरण 5.
“बालक कुछ ठहरा। मेै असमंजस में रहा तब वह प्रेत गति से एक ओर बढ़ा और कोहरे में मिल गया। हम भी होटल की ओर बढ़े। हवा तीखी थी- हमारे कोटों का फोटो को पार कर बदन अब में तीर-सी लगती थी।”
(i) बालक का कुछ ठहरना फिर बिना कुछ कहे चले जाना उसके चरित्र की किन विशेषताओं का परिचायक है?
उत्तर. इस कथन से पता चलता है कि बालक भूखा लाचार और गरीब था।
(ii) वकील साहब और दोनों मित्रों विराट किस प्रकार और कहांँ काटी?
उत्तर. बालक से बात करने के बाद वकील साहब अपने होटल के कमरे में मे चले गए और लेखक तथा उसका भी अपने होटल के कमरे में आ गए। उन सभी ने मुलायम और गर्म रजाई में अपनी रात आराम से सोते हुए गुजारी।
(iii) सोते समय उदास होकर मित्र ने क्या कहा? वह उदास क्यों था?
उत्तर. मित्र ने कहा -” स्वार्थ” जो कहो, लाचारी कहो या बेहयाई। वकील साहब के द्वारा बालक को नौकरी ना देने पर वह उदास हो गए। वह लोग बालक की मदद करना चाहते थे, परंतु वह कर ना सके।
(iv) प्रस्तुत कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर. लेखक कहानी के द्वारा पाठकों का ध्यान कर ईश्वर की समस्याओं की ओर आकर्षित करना चाहते है। उसका उद्देश्य है कि हमारी सहानुभूति उस गरीब और अक्षम वर्ग के साथ जुड़ जाए।
अवतरण 6.
“मरने के लिए उसे वही जगह, वही 10 बरस की उम्र और वही काले चिथडों की कमीज मिली आदमियों की दुनिया ने बस यही उपहार उसके साथ छोड़ा था।
(i) मोटर में सवार होते समय लेखक और उसके मित्र ने क्या समाचार सुना?
उत्तर. मोटर में सवार होते समय लेखक और उसके मित्र को यह समाचार मिला कि पिछली रात एक पहाड़ी बालक सड़क के किनारे पेड़ के नीचे आकर मर गया।
(ii) उन लोगों को कैसे पता चला कि मरने वाला वही बालक था?
उत्तर. उस बालक की उम्र दस-बारह साल थी। और वह उसकी मृत्यु उसी स्थान पर हुई जहांँ लेखक उससे पिछली रात में मिला था।
(iii) आपके विचार में लड़के की मृत्यु का क्या कारण था? यदि दोनों मित्र वकील साहब से कह देते कि वह लड़की को जानती हैं तो क्या होता? क्या तब भी लड़का भाग्यवश मर जाता?
उत्तर. मेरे विचार में लड़के की मृत्यु का कारण नैनीताल की सर्दी होगी। यदि दोनों मित्र वकील साहब से कह देते कि वे उस बालक को जानते हैं तो वकील साहब उस बालक को नौकरी में रख लेते और उसकी मृत्यु ना होती क्योंकि वह भाग्यवश नहीं आकाल मौत तो मरा था।
(iv) बतलाने वालों ने लेखक तथा उसके मित्र को लड़के के विषय में क्या बताया?
उत्तर. बस लाने वालों ने बताया कि पिछली रात एक दस बारह वर्षीय बालक की मृत्यु हो गई है।
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